सफ़र
दोस्त
बन कर मिले
अजनबी
हो गए
राह
चलते हुए
हमसफ़र
खो गए
रेगज़ार-ए-कुशादा
का लंबा सफ़र
और
तनहाई का सिलसिला पेशतर
रास्ते
में
निशाँ
कैसे कैसे मिले
उनके
नक़्श-ए-कफ़-ए-पा भी ऐसे मिले
आँधियों
में
सफ़र
के निशाँ खो गए
और
ग़ुबारों
में
वो
नक़्श-ए-पा खो गए
रेगज़ार-ए-कुशादा
–
विशाल रेगिस्तान, पेशतर – सामने, नक़्श-ए-कफ़-ए-पा – पाँव के निशाँ
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