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तस्वीर-ए-ज़िन्दगी में धनक रंग भर गए

तस्वीर-ए-ज़िन्दगी में धनक रंग भर गए ख़ुशबू के क़ाफ़िले मेरे दिल से गुज़र गए सैलाब कितने आज यहाँ से गुज़र   गए आँखों में जो बसे थे , सभी ख़्वाब मर गए दर दर फिरी हयात सुकूँ के लिए   मगर वहशत हमारे साथ रही , हम जिधर गए सीने में कुछ तो टीसता रहता है रोज़ - ओ - शब मजबूरियों के यूँ तो सभी ज़ख़्म भर गए नाज़ुक से ख़्वाब जल के कहीं ख़ाक हो न जाएँ हम जलती आरज़ू की तमाज़त से डर गए पैकर वो रौशनी का जो उतरा निगाह में कितने हसीन ख़्वाब नज़र में सँवर गए सैलाब ऐसा आया वफ़ा के   जहान   में " दिल में उतरने वाले नज़र से उतर गए" जिन से ख़याल-ओ-ख़्वाब की दुनिया जवान थी " मुमताज़" वो हसीन नज़ारे किधर गए tasweer e zindagi meN dhanak rang bhar gae khushboo ke qaafile mere dil se guzar gae sailaab kitne aaj yahaN se guzar gae aankhoN meN jo base the, sabhi khwaab mar gae dar dar phiri hayaat sukooN ke liye magar wahshat hamaare saath rahi, ham jidhar gae seene meN kuchh to teesta rehta hai roz o shab majbooriyoN ke yuN to sabhi zakhm