गीत - जब छोड़ दिया - दिल तोड़ दिया
जब छोड़ दिया दिल तोड़ दिया क्यूँ याद फिर आते हो जानाँ ग़म ढल भी गया दिल जल भी गया क्या आग बुझाते हो जानाँ इन टूटी बिखरी यादों को कब तक मैं समेटूँ , कहाँ रखूँ बेरंग अधूरे सपनों में किस ख़्वाहिश का अब रंग भरूँ जब रात गई हर बात गई क्या याद दिलाते हो जानाँ एहसास का शीशा टूट गया जज़्बात का दामन छूट गया हस्ती में वो तूफ़ान उठा मेरा दिल भी मुझ से रूठ गया सब छीन लिया बदनाम किया अब राज़ छुपाते हो जानाँ ? हसरत की सुनहरी वो दुनिया वीरान अँधेरी है जानाँ हर एक तमन्ना रहज़न है उम्मीद लुटेरी है जानाँ वो दर्द है अब दिल सर्द है अब क्यूँ दर्द बढ़ाते हो जानाँ