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Showing posts from November 26, 2018

हम पर जो हैं अज़ीज़ों के एहसान मुख़्तलिफ़

हम पर जो हैं अज़ीज़ों के एहसान मुख़्तलिफ़ लगते रहे हैं हम पे भी बोहतान मुख़्तलिफ़ हर एक रहनुमा का है ऐलान मुख़्तलिफ़ हैं मसलेहत के थाल में ग़लतान मुख़्तलिफ़ बिखरे हुए हैं ज़ीस्त के हैजान मुख़्तलिफ़ टुकड़ों में दिल के रहते हैं अरमान मुख़्तलिफ़ होगा क़दम क़दम पे इरादों का इम्तेहाँ इस रास्ते में आएँगे बोहरान मुख़्तलिफ़ खुलते रहे हयात के हर एक मोड़ पर तक़दीर की किताब के उनवान मुख़्तलिफ़ इस्लाम आज कितने ही ख़ानों में बँट गया मसलक जुदा जुदा हुए , ईमान मुख़्तलिफ़ ये और बात , हारा नहीं हम ने हौसला गुजरे हमारी राह से तूफ़ान मुख़्तलिफ़ धोका छलावा ज़ख़्मी अना और शिकस्ता दिल “मुमताज़” हैं ख़ुलूस के नुक़सान मुख़्तलिफ़ मुख़्तलिफ़ – अलग अलग , बोहतान – झूठा इल्ज़ाम , रहनुमा – लीडर , मसलेहत – पॉलिसी , ग़लतान – लुढ़कने वाला , ज़ीस्त – ज़िन्दगी , हैजान – जोश , बोहरान – अड़चन , हयात – ज़िन्दगी , उनवान – शीर्षक , मसलक – रास्ता , तरीका , अना – अहं , ख़ुलूस – सच्चाई ham par jo hain azizoN ke ehsaan mukhtalif lagte rahe haiN ham pe bhi bohtaan mukhtalif har ek rahnuma ka hai ailaan mukh