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Showing posts from November 1, 2018

मे'राज की जानिब ये सफ़र किस के लिए है

मे ' राज की जानिब ये सफ़र किस के लिए है अफ़लाक की दीवार में दर किस के लिए है कौसर की ये शफ़्फ़ाफ़ नहर किस के लिए है महशर में शफ़ाअत की ख़बर किस के लिए है किस नूर के क़दमों में बिछे हैं ये सितारे ताबानी-ए-ख़ुर्शीद-ओ-क़मर किस के लिए है अल्लाह की रहमत प जो कामिल है यक़ीं तो फिर सदफ़-ए-निगह में ये गोहर किस के लिए है बख़्शी है हमें रब ने ये अनमोल विरासत क़ुरआन के जैसा वो बशर किस के लिए है है कौन तलबगार तेरा अर्श-ए-बरीं पर " ऐ नर्गिस-ए-जानाँ ये नज़र किस के लिए है " ये फ़र्श-ओ-फ़लक , नज्म-ओ-क़मर , हूर-ओ-मलाइक सब कुछ तो है ' मुमताज़ ', मगर किस के लिए है ME'RAAJ KI JAANIB YE SAFAR KIS KE LIYE HAI AFLAAK KI DIWAAR ME'N DAR KIS KE LIYE HAI KAUSAR KI YE SHAFFAF NAHR KIS KE LIYE HAI MAHSHAR ME'N SHAFAA'AT KI KHABAR KIS KE LIYE HAI KIS NOOR KE QADMO'N ME'N BICHHE HAI'N YE SITAARE TAABAANI E KHURSHEED O QAMAR KIS KE LIYE HAI ALLAH KI REHMAT PA JO KAAMIL HAI YAQEE'N TO PHIR SADAF E NIGA