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Showing posts from December 27, 2018

नीम गुलाबी

एक गुनह बस छोटा सा , इक लग़्ज़िश 1 नीम 2 गुलाबी दिल पर दस्तक देती है इक ख़्वाहिश नीम गुलाबी लम्हा लम्हा पिघली जाती है हसरत आवारा दहके दो अंगारों की वो ताबिश 3 नीम गुलाबी पल भर में पैवस्त 4 हुई है दिल के निहाँ 5 ख़ानों 6 में बोझल बोझल पलकों की इक जुम्बिश 7 नीम गुलाबी लूट लिया बहका कर मेरी राहत का सरमाया 8 दिल ने नज़रों से मिल कर की साज़िश नीम गुलाबी सुलगा जाए जिस्म का संदल 9 , महके फ़ज़ा बातिन 10 की जलती है अब रूह 11 तलक इक आतिश 12 नीम गुलाबी भीग गया जज़्बात का जंगल , फूट पड़ी हरियाली बरसों बाद गिरी दिल पर ये बारिश नीम गुलाबी रोग है या आसेब 13 है ये , कोई तो बताए मुझ को रह रह के होती है क्यूँ इक लर्ज़िश 14   नीम गुलाबी हम भी दौलतमंद हुए , दिल ने भी ख़ज़ाना पाया वो दे कर "मुमताज़" गया इक बख़्शिश 15 नीम गुलाबी    1- लड़खड़ाहट , 2- आधी , 3-गर्मी भरी चमक , 4- घुस जाना , 5- छुपे हुए , 6- हिस्सों , 7- हिलना , 8- पूँजी , 9- चन्दन , 10- अन्तर्मन , 11- आत्मा , 12- आग , 13- भूत-प्रेत , 14- कंपन , 15- इनआम ek gunah bas chhot