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Showing posts from December 23, 2018

अपना चर्चा आम बहुत है

अपना चर्चा आम बहुत है अब दिल को आराम बहुत है रेशम वेश्म क्या करना है हम को इक एहराम 1 बहुत है तेरी   यादें , तेरा   तसव्वर करने को ये काम बहुत है चाहत वाहत , धड़कन वड़कन इस दिल में हंगाम बहुत है देखो तो इक दर्द मिला है सोचो तो ये दाम बहुत है क़िस्सा - ए - दिल दिलचस्प है , माना पर इस में इबहाम 2 बहुत है बस कुछ पल हमराह 3 चला वो समझो तो इक गाम 4 बहुत है हम यूँ भी "मुमताज़" 5 हैं , हम पर लोगों का इकराम 6 बहुत है 1- हज के दौरान पाहणी जाने वाली चादर , 2- अस्पष्टता , 3- साथ , 4- क़दम , 5- प्रतिष्ठित , 6- इज़्ज़त apna charcha aam bahot hai ab dil ko aaraam bahot hai resham wesham kya karna hai ham ko ik ehraam bahot hai teri yaadeN, tera tasawwar karne ko ye kaam bahot hai chaahat waahat, dhadkan wadkan is dil meN hangaam bahot hai dekho to ik dard mila hai socho to ye daam bahot hai qissa e dil dilchasp hai, maana par is meN ibhaam bahot hai bas kuchh pal hamraah raha wo samjho to ik g