Posts

Showing posts from January 21, 2019

एक दुआइआ

नज़र भी , रूह भी , दिल भी , है दामन भी तही दाता पुकारे तेरी रहमत को मेरी तशनालबी दाता तेरे हाथों में ऐ शाह ए सख़ा कौनैन रक्खे हैं बहुत छोटी , बहुत अदना सी है मेरी ख़ुशी दाता अक़ीदा है मेरा हट कर , तलब मेरी ज़ियादा है मेरा कशकोल है छोटा , तेरी रहमत कुशादा है दिया तू ने मुझे जो भी , तेरी रहमत से तो कम है मोहब्बत में मेरा हद से गुजरने का इरादा है मेरी तक़दीर में कौन ओ मकाँ रखना , इरम रखना मेरे दाता ज़रा अपनी सख़ावत का भरम रखना कहीं उम्मीद का शीशा न चकनाचूर हो जाए मेरे हालात पर दाता ज़रा नज़र ए करम रखना नज़र तेरी सख़ावत पर , तेरी देहलीज़ पर सर है मैं इक तूफ़ान हूँ ग़म का , तू रहमत का समंदर है मेरी इस प्यास को एहसास का दरिया अता कर दे मेरे दामन में दुनिया की सभी रानाइयाँ भर दे nazar bhi, rooh bhi, dil bhi, hai daaman bhi tahee daata pukaare teri rehmat ko meri tashna labi daata tere haathoN meN aye shaah e sakhaa kaunain rakkhe haiN bahot chhoti, bahot adnaa si hai meri khushi daata aqeeda hai mera hat kar, talab meri ziyaada hai mera kashkol hai chho