ख़्वाहिश
दिल
को छलती है ख़्वाहिश कोई
प्यार
है आज़माइश कोई
हर
क़दम दिल की साज़िश कोई
दिल
में जलती है आतिश कोई
ऐ
ख़ुदा
ये
चाहतें, ये हसरतें
ये
अजनबी सी राहतें
ये
ग़ुरूर का
वो
सुरूर है
दिल
सब से है बेगाना
हर
हिकायत से अंजान है
जाने
दिल क्यूँ परेशान है
कुछ
ना बोले ये नादान है
फिर
भी मेरी ये पहचान है
ऐ
ख़ुदा
ये
कोशिशें, ये काविशें
ये
सरसरी सी साज़िशें
ना
मुझे सता
मेरे
दिल बता
क्यूँ
हो गया दीवाना
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