मुर्दा एहसास का मातम कर लें
मुर्दा एहसास का मातम कर लें और कुछ सिलसिले बाहम कर लें अब सफ़र करना है सहरा सहरा क़ैद हम आँख में शबनम कर लें फ़ैसला ये है मुक़द्दर का कि हम अपनी ख़ुद्दारी का सर ख़म कर लें रात है , और दिये में तेल है कम रौशनी थोड़ी सी मद्धम कर लें रस्म-ओ-राहत न हो , सलाम तो हो सिलसिले इतने कम अज़ कम कर लें बाहम – आपस में , सहरा – रेगिस्तान , शबनम – ओस , ख़म कर लें – झुका लें , कम अज़ कम – कम से कम