इस गरानी से मैं अल्लाह निभाऊं कैसे
इस गरानी से मैं अल्लाह निभाऊं कैसे पेट की आतिश ए नमरूद बुझाऊं कैसे ये सबक़ सीख रही है अभी नौख़ेज़ दुल्हन एहल ए ससुराल को उँगली पे नचाऊं कैसे ले गया वक़्त मुआ साथ मेरी बत्तीसी है जो बिरयानी में बोटी ... वो चबाऊं कैसे इस तरह उठती है , बर्दाश्त नहीं होती है अब भरी बज़्म में मैं पीठ खुजाऊं कैसे اس گرانی سے میں الله نبھاؤں کیسے پیٹ کی آتش_نمرود بجھاوں کیسے یہ سبق سیکھ رہی ہے ابھی نوخیز دلہن اہل_سسرال کو انگلی پہ نچاؤں کیسے لے گیا ساتھ ...