चमक उट्ठे मेहेर सी हर सतर ये है दुआ यारब
चमक उट्ठे मेहेर सी हर सतर ये है दुआ यारब
शुआ बन जाए ये अदना शरर ये है दुआ यारब
लिया है अपने कांधे पर जो ये बार-ए-गरां हम ने
ये कार-ए-ख़ैर हो अब कारगर ये है दुआ यारब
हमारी काविशों को वो करामत दे मेरे मौला
अमर हो जाए हम सब का हुनर ये है दुआ यारब
हमारा ज़ाहिर-ओ-बातिन हो तेरे नूर से रौशन
तू बन कर हुस्न हम सब में उतर ये है दुआ यारब
जज़ा-ए-ख़ैर दे “मुमताज़” बेकल* और नीरज* को
दुआओं में मेरी रख दे असर ये है दुआ यारब
बेकल* और नीरज* - बेकल उत्साही और गोपाल दास नीरज, जो इस प्रोजेक्ट
में साथ थे।
Comments
Post a Comment