मेरी हस्ती और दुनिया के लाख सवाल
मेरी
हस्ती और दुनिया के लाख सवाल
कैसे
उरियाँ कर दूँ मैं अपने अहवाल
जब
भी मेरे ज़ेहन में आया तेरा ख़याल
पूछ
न उसके बाद हुआ क्या दिल का हाल
कुछ
दुनिया के खेल हैं कुछ क़िस्मत का जाल
किसने
पाई बलन्दी, कौन हुआ पामाल
ये
हस्ती ज़ंजीर मेरी रूह-ओ-जाँ की
और
जीना भी क्या है गोया एक वबाल
फिर
मचले है, दिल का खिलौना माँगे है
ज़िद
ये मोहब्बत करती है मिस्ल-ए-अतफ़ाल
तुझ
में तेरा “मुमताज़” है क्या, सब उसका है
तेरे
फ़न कब तेरे हैं, क्या तेरा कमाल
उरियाँ
–
नंगा, अहवाल – परिस्थितियाँ, पामाल – पाँव के नीचे कुचला जाना, वबाल – मुसीबत, मिस्ल-ए-अतफ़ाल
– बच्चों की तरह
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