हर सवाली का है नारा पिया ग़ैबन बाबा
हर सवाली का है नारा पिया ग़ैबन बाबा मोरबी में है गुज़ारा पिया ग़ैबन बाबा मिट गई पल में मेरी सारी मुसीबत यारो जब अक़ीदत से पुकारा पिया ग़ैबन बाबा कब से हैं दर पे पड़े फूटा मुक़द्दर ले कर अब करम कर दो ख़ुदारा पिया ग़ैबन बाबा हम कभी उठ के न जाएंगे तुम्हारे दर से है यक़ीं तुम पे हमारा पिया ग़ैबन बाबा दर से साइल न तुम्हारे कभी ख़ाली लौटा ये शरफ़ भी है तुम्हारा पिया ग़ैबन बाबा मेरी किस्मत ने बहुत ख़्वार किया है मुझ को मेरा चमका दो सितारा पिया ग़ैबन बाबा साया रहमत का मेरे सर पे रहा है हर दम तेरा एहसान है सारा पिया ग़ैबन बाबा मोरबी वाले पिया बिगड़ी बना दो मेरी इक ज़रा कर दो इशारा पिया ग़ैबन बाबा मेरी तक़दीर की कश्ती है भँवर में उलझी मुझ को मिल जाए किनारा पिया ग़ैबन बाबा डाल दे झोली में हस्नैन-ओ-अली का सदक़ा तेरे मँगतों ने पुकारा पिया ग़ैबन बाबा