हो गया दिल जो गिरफ़तार-ए-सितम आप से आप
हो गया दिल जो गिरफ़तार - ए - सितम आप से आप दिल में लेने लगे अरमान जनम आप से आप मोड़ वो आया तो कुछ देर को सोचा हम ने उठ गए फिर तेरी जानिब को क़दम आप से आप इस क़दर तारी हुआ अब के मेरे दिल पे जमूद टूट कर रह गया ख़्वाबों का भरम आप से आप दर्द बढ़ता जो गया , दर्द का एहसास मिटा हो गए दूर सभी रंज ओ अलम आप से आप फ़ैसला तर्क - ए - त ' अल्लुक़ का लिखा था उस को और फिर टूट गया मेरा क़लम आप से आप अब्र कल रात उठा , टूट के बरसात हुई दिल के सेहरा की ज़मीं हो गई नम आप से आप मेरी मजबूर वफाओं का तक़ाज़ा था यही " उन का दर आया जबीं हो गई ख़म आप से आप " फ़ैसला होना है ' मुमताज़ ' मेरी क़िस्मत का रख दिया क्यूँ मेरे कातिब ने क़लम आप से आप ہو گیا دل یہ گرفتار_ ستم آپ سے آپ دل میں لینے لگی حسرت وہ جنم آپ سے آپ جب وہ موڑ آیا تو , کچھ دیر تو سوچا ہم نے