तमन्ना फड़फड़ा कर बुझ गई आहिस्ता आहिस्ता
तमन्ना फड़फड़ा कर बुझ गई आहिस्ता आहिस्ता
जवाँ होने लगी तश्नालबी1 आहिस्ता
आहिस्ता
न जाने दिल ने क्या देखा तेरी आँखों की जुम्बिश2 में
जली यकलख़्त3 हसरत4 और बुझी
आहिस्ता आहिस्ता
नक़ाब उलटी शफ़क़5 ने, शाम के रुख़6 पर सजा
ग़ाज़ा7
उफ़क़8 के हाथ पर मेहंदी रची आहिस्ता आहिस्ता
बसेरा छोड़ कर जाना कहाँ आसान था इतना
हुआ उम्मीद से ये दिल तही9 आहिस्ता आहिस्ता
शराब-ए-ज़िन्दगी में अब कहाँ पहले सी वो मस्ती
तो लो रुख़्सत10 हुई ये बेख़ुदी11 आहिस्ता आहिस्ता
हुआ है रफ़्ता रफ़्ता13 इन्केशाफ़-ए-राज़-ए-हस्त-ओ-बूद14
उठी दिल से सदा-ए-अनहदी15 आहिस्ता आहिस्ता
हक़ीक़त है,
ख़िज़ां16 के बाद आती हैं बहारें17 भी
ज़मीन-ए-दिल हरी होने लगी आहिस्ता आहिस्ता
रह-ए-तक़दीर18 पर हम वक़्त के हमराह19 चलते हैं
गुज़रती जा रही है ज़िन्दगी आहिस्ता आहिस्ता
हमीं "मुमताज़" गुज़रे बारहा20 इस आज़माइश से
कभी यकलख़्त दिल टूटा,
कभी आहिस्ता आहिस्ता
1- प्यास, 2- हिलना, 3- अचानक, 4- इच्छा, 5- सुबह को आसमान पर फैलने वाली लाली, 6- चेहरा, 7- ब्लशर, 8- क्षितिज, 9- ख़ाली, 10- विदा, 11- नशे की
हालत, 13- धीरे धीरे, 14- हस्ती और वजूद
के राज़ का ज़ाहिर होना, 15- अनहद नाद, 16-
पतझड़, 17- वसंत, 18- किस्मत का रास्ता, 19- साथ, 20- बार बार
tamanna phadphadaa
kar bujh gai aahista aahista
jawaaN hone lagi
tashna labi aahista aahista
na jaane dil ne kya
dekha teri aankhoN ki jumbish meN
jali yaklakht hasrat,
aur bujhi aahista aahista
naqaab ulti shafaq
ne, shaam ke rukh par sajaa ghaaza
ufaq ke haath par
mehndi rachi aahista aahista
basera chhod kar
jaana kahaN aasan tha itna
hua ummeed se ye dil
tahi aahista aahista
sharaab e zindagi meN
ab kahaN pahle si wo masti
to lo rukhsat hui ye
bekhudi aahista aahista
hua hai rafta rafta
inkeshaaf e raaz e hast o bood
uthi dil se sadaa e
anhadi aahista aahista
haqeeqat hai, khizaaN
ke baad aati haiN bahaareN bhi
zameen e dil hari
hone lagi aahista aahista
rah e taqdeer par ham
waqt ke hamraah chalte haiN
guzarti jaa rahi hai
zindagi aahista aahista
hameeN
"Mumtaz" guzre baarhaa is aazmaaish se
kabhi yaklakht dil
toota, kabhi aahista aahista
khoob
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