नज़्म -तलाश



दिलों  में  पिन्हाँ  है  अब  तक  जो  राज़ , फाश    कर
मेरे  हबीब , मुझे  अब  कहीं  तलाश    कर

तेरी  तलाश  का  मरकज़  ही  खो  गया  जानां
हमारे  बीच  बड़ा  फ़र्क़ हो  गया  जानां

तमन्ना  उलझी  है  अब  तक  इसी  तरद्दुद  में
  मुझ  को  ढून्ढ , के  अब मैं  नहीं  रही  खुद  में

  अब  वो  शोला बयानी ,   वो  गुमाँ बाक़ी
वो  आग  सर्द  हुई , रह  गया  धुंआ  बाक़ी

हर  एक  लम्हा  तबस्सुम  की  अब  वो  ख़ू   रही
नज़र  में  ज़ू   रही , ज़ुल्फ़  में  ख़ुश्बू    रही

  हसरतों  के  शरारे ,   वो  जुनूँ ही  रहा
  तेरे  इश्क़ का  वो  दिलनशीं  फुसूँ  ही  रहा

जो  मिट  चला  है  वही  हर्फ़  बेनिशाँ हूँ  मैं
मैं  खुद  भी  ढून्ढ  रही  हूँ , के  अब  कहाँ  हूँ  मैं

तलाशती  हूँ  वो  सा 'अत , जो  मैं  ने  जी  ही  नहीं
मैं  तुझ  को  कैसे  मिलूँ  अब , के  मैं  रही  ही  नहीं

ख़ला  ये  दिल  का  तेरे  प्यार  का  तबर्रुक  है
  अब  वो  मैं  हूँ ,   तू  है ,   वो  'अल्लुक़  है

पराई  आग  में  जलने  से  फ़ायदा  क्या  है
के  अब  शरारों  पे  चलने  से  फ़ायदा  क्या  है

दिलों  में  पिन्हाँ  है  अब  तक  जो  राज़ , फाश    कर
मेरे  हबीब , मुझे  अब  कहीं  तलाश    कर

diloN meN pinhaaN hai ab tak jo raaz, faash na kar
mere habeeb mujhe ab kahiN talaash na kar 

teri talaash ka markaz hi kho gaya jaanaaN 
hamaare beech bada farq ho gaya jaanaaN

tamanna uljhi hai ab tak isi taraddud meN 
na mujh ko dhoond, ki ab maiN nahiN rahi khud meN 

na ab wo sho'la bayaani na wo gumaaN baaqi
wo aag sard hui rah gaya dhuaaN baaqi

har ek lamha tabassum kee ab wo khoo na rahi 
nazar meN zau na rahi, zulf mushk boo na rahi

na hasratoN ke sharaare na wo junooN hi raha
na tere ishq ka wo dilnaseeN fusooN hi raha

jo mit chuka hai wahi harf-e-benishaaN hooN maiN
maiN khud bhi dhoond rahi huN ke ab kahaN hooN maiN 

talaash karti huN saa'at, jo maiN ne jee hi nahiN
maiN tujh ko kaise miluN ab, ke maiN rahi hi nahiN

khala ye dil ka tere pyaar ka tabarruk hai
na ab wo maiN huN na tu hai, na wo ta'alluq hai

paraai aag meN jalne se faayda kya hai
ke ab sharaaroN pe chalne se faayda kya hai

diloN meN pinhaaN hai ab tak jo raaz, faash na kar

mere habeeb mujhe ab kahiN talaash na kar 

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