ग़ज़ल - मोहब्बतों के देवता न अब मुझे तलाश कर

फ़ना हुईं वो हसरतें, वो दर्द खो चुका असर
मोहब्बतों के देवता न अब मुझे तलाश कर
FANA HUIN WO HASRATE.N WO DARD KHO CHUKA ASAR
MOHABBATO.N KE DEVTA NA AB MUJHE TALAASH KAR

भटक रही है गुफ़्तगू, समाअतें हैं मुंतशर
न जाने किसकी खोज में है लम्हा लम्हा दर ब दर
BHATAK RAHI HAI GUFTGU SAMAA'ATEN HAIN MUNTSHAR
NA JAANE KIS KI KHOJ MEN HAI LAMHA LAMHA DAR BA DAR

ये ख़िल्वतें, ये तीरगी, ये शब है तेरी हमसफ़र
इन आरज़ी ख़यालों के लरज़ते सायों से न डर
YE KHILWATE.N, YE TEERGI, YE SHAB HAI TERI HAMSAFAR
IN AARZI KHAYAALON KE LARAZTE SAAYON SE NA DAR

हयात-ए-बेपनाह पर हर इक इलाज बेअसर
हैं वज्द में अलालतें, परेशाँ हाल चारागर
HAYAAT E BEPANAAH PE HAR IK ILAAJ BE ASAR
HAIN WAJD ME.N ALAALATEN PARESHA.N HAAL CHAARAGAR

बना है किस ख़मीर से अना का क़ीमती क़फ़स
तड़प रही हैं राहतें, असीर हैं दिल-ओ-नज़र
BANA HAI KIS KHAMEER SE ANAA KA QEEMTI QAFAS
TADAP RAHI HAIN RAAHTE.N ASEER HAIN DIL O NAZAR

पड़ी है मुंह छुपाए अब हर एक तश्ना आरज़ू
तो जुस्तजू भी थक गई, तमाम हो गया सफ़र
PADI HAI MUNH CHHUPAAE AB HAR EK TASHNA AARZOO
TO JUSTJU BHI THAK GAI TAMAAM HO GAYA SAFAR

तलातुम इस क़दर उठा, ज़मीन-ए-दिल लरज़ उठी
शदीद था ये ज़लज़ला, हयात ही गई बिखर
TALAATUM IS QADAR UTHA ZAMEEN E DIL LARAZ UTHI
SHADEED THA YE ZALZALA HAYAAT HI GAI BIKHAR

हर एक ज़र्ब-ए-वक़्त से निगारिशें निखर गईं
हर एक पल ने डाले हैं निशान अपने ज़ात पर
HAR EK ZARB E WAQT SE NIGAARISHEN NIKHAR GAI.N
HAR EK PAL NE DAALE HAIN NISHAAN APNE ZAAT PAR

बस एक हम हैं और एक तन्हा तन्हा राह है
गुज़र गया वो कारवाँ, बिछड़ गए वो हमसफ़र
BAS EK HAM HAI.N AUR EK TANHA TANHA RAAH HAI
GUZAR GAYA WO KAARWAA.N BICHHAD GAE WO HAMSAFAR

उतर ही आएँ ग़ालिबन शुआएँ नाज़ाँ ख़्वाब की
ज़माने बाद आज फिर खुले हैं दिल के बाम-ओ-दर
UTAR HI AAE.N GHALIBAN SHUAAE.N  NAZA.N KHWAAB KI
ZAMANE BAAD AAJ PHIR KHULE HAI.N DIL KE BAAM-O-DAR


फ़ना नाश, गुफ़्तगू बात चीत, समाअतें सुनने की क्षमता, मुंतशर बिखरा हुआ, लम्हा पल, ख़िल्वतें - ख़ालीपन, तीरगी अँधेरा, शब रात, आरज़ी नक़ली, लरज़ते काँपते, हयात-ए-बेपनाह अनंत जीवन, वज्द में बेखुदी के आलम में नाचना, अलालतें बीमारियाँ, चारागर इलाज करने वाला, ख़मीर material, अना अहं, क़फ़स पिंजरा, तश्ना आरज़ू प्यासी इच्छा, जुस्तजू तलाश, तमाम हो गया ख़त्म हो गया, तलातुम लहरों का उठना गिरना, लरज़ उठी काँप उठी, शदीद तेज़, ज़लज़ला भूकंप, ज़र्ब चोट, निगारिशें लेखन, ग़ालिबन शायद, शुआएँ किरणें, बाम-ओ-दर छत और दरवाज़े

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