ग़ज़ल - ज़िन्दगी मेरे लिए हो गई बोहताँ जानाँ
ज़िन्दगी मेरे लिए हो
गई बोहताँ जानाँ
मुझ पे कितना है बड़ा
ये तेरा एहसाँ जानाँ
ZINDAGI MERE LIYE HO GAI BOHTAA.N JAANA.N
MUJH PE KITNA HAI
BADA YE TERA EHSAA.N JAANA.N
पहले दिल ज़ख़्मी था अब
रूह तलक ज़ख़्मी है
तू ने क्या ख़ूब किया
है मेरा दरमाँ जानाँ
PEHLE DIL ZAKHMEE
THA AB ROOH TALAK ZAKHMI HAI
TU NE KYA KHOOB
KIYA HAI MERA DARMAA.N JAANA.N
तेरे वादे, तेरी क़समें, तेरी उल्फ़त, तेरा
दिल
हर हक़ीक़त है मेरे सामने
उरियाँ जानाँ
TERE VAADE TERI
QASME.N TERI ULAFAT TERA DIL
AB HAQEEQAT HAI
MERE WAASTE URIYAA.N JAANA.N
इस कहानी में मेरे ख़ूँ
की महक शामिल है
और तेरा नाम है अफ़साने
का उनवाँ जानाँ
IS KAHAANI MEN
MERE KHOON KI MAHEK SHAAMIL THI
AUR TERA NAAM THA
AFSAANE KA UNWAA.N JAANA.N
दिल पे इक अब्र सा छाया
था न जाने कब से
आज तो टूट के बरसा है
ये बाराँ जानाँ
DIL PE IK ABR SA
CHHAYA THA NA JAANE KAB SE
AAJ TO TOOT KE
BARSAA HAI YE BARAA.N JAANA.N
इक वही बात जो कानों
में कही थी तू ने
दिल अभी तक है उसी बात
का ख़्वाहाँ जानाँ
IK WAHI BAAT JO
KAANON MEN KAHI THI TU NE
DIL ABHI TAK HAI
USI BAAT KA KHWAAHA.N JAANA.N
अब तो ता दूर कहीं कोई
नहीं राह-ए-फ़रार
खोल दे अब तो मेरे पाँव
से जौलाँ जानाँ
AB TO TAA DOOR
KAHIN KOI NAHIN RAAH E FARAAR
KHOL DE AB TO MERE
PAANV SE JAULAA.N JAANA.N
बाद अज़ इसके बहुत तंग
है जीना लेकिन
फ़ैसला तर्क-ए-तअल्लुक़
का है आसाँ जानाँ
BAAD AZ IS KE
BAHOT TANG HAI JEENA LEKIN
FAISLA TARK E
TA'ALLUQ KA HAI AASA.N JAANA.N
अब यहाँ आ के जुदा होती
हैं राहें अपनी
अब क़राबत का नहीं कोई
भी इमकाँ जानाँ
AB YAHAN AA KE
JUDA HOTI HAIN RAAHE.N APNI
AB QARAABAT KA
NAHIN KOI BHI IMKAA.N JAANA.N
इश्क़ में अब वो जुनूँ
माना कि नायाब हुआ
अब ये शय दुनिया में
“मुमताज़” है अर्ज़ाँ जानाँ
ISHQ MEN AB WO
JUNOO.N MAANA KE NAAYAB HUA
AB YE SHAY DUNIYA
MEN 'MUMTAZ' HAI ARZAA.N JAANA.N
बोहताँ – झूठा आरोप, दरमाँ – इलाज, उरियाँ – नग्न, अफ़साना – कहानी, उनवाँ – शीर्षक, अब्र – बादल, बाराँ – बादल, ख़्वाहाँ – इच्छुक, ता दूर – दूर तक, राह-ए-फ़रार – भागने का रास्ता, जौलाँ – बेड़ियाँ, बाद अज़ इसके
– इसके बाद से, तर्क – छोड़ देना, क़राबत – नज़दीकी, इमकाँ – उम्मीद, नायाब – न मिल सक्ने वाली चीज़, शय – चीज़, अर्ज़ाँ – सस्ती
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